लखनऊ, नवम्बर 9 -- भगवान को जात-पात में बांटना बहुत ही निंदनीय है। सनातन धर्म का मूल संदेश प्रेम, एकता और समानता है, न कि अलगाव और भेदभाव। चिनहट के छोहरिया माता मंदिर में चल रही भागवत कथा के विराम दिवस पर रविवार को यह बात अयोध्या धाम के कथा व्यास संत रजनीशाचार्य जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि ऊंच-नीच, छुआछूत, छोटा-बड़ा जैसी कुरीतियों से हमें दूर रहना है। कथा सुनने और कथा कहने का सबको अधिकार है। मंदिर महंत लल्ला बाबा ने बताया कि सोमवार सुबह यज्ञ की पूर्णाहुती होगी और इसके बाद मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
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