अमरोहा, अक्टूबर 12 -- क्षेत्र के गांव हथियाखेड़ा के चामुंडा मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें एवं समापन दिवस पर कथा वाचक ने श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। शुक्रवार रात कथा में सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए वृंदावन से आए कथावाचक श्रीश्याम प्रभु दास महाराज ने कहा कि मित्रता करो तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। लेकिन, आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। कथावाचक ने कहा की सुदामा को दरिद्र बताने वाले यह बात समझ लें कि सुदामा जी जैसा तेजस्वी ब्राह्मण कभी दरिद्र नहीं हो सकता क्योंकि, वह संतोषी ब्र...