प्रतापगढ़ - कुंडा, अप्रैल 6 -- प्रतापगढ़, संवाददाता। पृथ्वी पर जब अत्याचार बढ़ा है अत्याचारियों के नाश के लिए भगवान ने किसी न किसी रूप में जन्म लिया है। कंस का अत्याचार बढ़ने पर भगवान ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया। उन्होंने जगत को अपना कर्म करने की सीख दी। यह बातें मंगरौरा विकासखंड के साल्हीपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य अरविंद तिवारी ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की गीता कर्म की प्रधानता की व्याख्या करती है। उन्होंने बचपन में गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भक्तों की रक्षा की और लोगों को इंद्र की पूजा से मना कर दिया। सभी को गोवर्धन की पूजा के लिए कहा। इंद्र के प्रकोप के बाद गोवर्धन से ही सबकी रक्षा की। इसके साथ ही आलस्य का त्याग करने की सलाह दी। इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद सिंह, मालती सिंह, सुरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह,...
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