कानपुर, मार्च 28 -- कानपुर। प्रमुख संवाददाता कानपुर शहर का नाम एक, दो नहीं बल्कि 22 बार बदला जा चुका है। प्राचीन परंपरा में देखें तो इसका सबसे पहले नाम कान्हापुर था। भगवान कृष्ण का कर्ण छेदन यहां होने से इसे कान्हापुर कहा गया। समय बीतता गया और लगातार नए नाम मिलते रहे। यह जानकारी एसएन सेन पीजी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में आए वरिष्ठ इतिहासकारों ने दी। यह संगोष्ठी भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद की ओर से प्रायोजित की गई है। माल रोड स्थित एसएन सेन पीजी कॉलेज में इतिहास विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी का विषय 'कानपुर थ्रू दि एजेज अनवेलिंग द लेयर्स आफ़ हिस्ट्री'(युग-युगीन कानपुर) रहा। संगोष्ठी का उद्घाटन महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्रा, सचिव प्रोबीर कुमार सेन, प्राचार्य प्रो. सुमन, संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन, दीपाश्री सेन ने क...