बुलंदशहर, जून 21 -- राजघाट स्थित कल्याणाश्रम करपात्रधाम में दण्डीस्वामी प्रबोधाश्रम महाराज की अध्यक्षता में चल रही श्रीमदभागवत कथा सुनाते हुए दण्डी स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि शुकदेव जी का रास पंचाध्यायी का व्याख्यान कोई साधारण नहीं है। जहां भागवत कथा हो रही है वह भगवान द्वारा ही हो रही है यह मानव द्वारा नहीं है। भगवान की रासलीला जीवात्मा परमात्मा का मिलन है। यह कोई मनोरंजन का साधन नहीं है। चीरहरण का तात्पर्य वेदांत का उदाहरण देकर समझाया। गोपी का तात्पर्य नारी से नहीं वल्कि इन्द्रियों से है। मंच संचालन ब्रह्मचारी स्वदेश स्वरूप ने किया। कथा में श्रीविद्याश्री नरसिंहभारती श्रृंगेरीमठ, दक्षिण भारत, ब्रह्मचारी हरिहरानंद, आचार्य श्याम बाबा, ब्रह्मचारी सर्वेश्वर स्वरूप, ब्रह्मचारी ज्ञानेश्वर स्वरूप, आचार्य दिवाकर वाशिष्ठ, ब्रह्म...