औरैया, अक्टूबर 28 -- शहर के आर्यनगर स्थित काली माता मंदिर रोड पर गोपाल वाटिका आश्रम में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ समारोह एवं विष्णु महायज्ञ में सोमवार को रुक्मिणी विवाह प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया गया। श्री वृंदावन धाम से पधारे भागवताचार्य राम गोपाल शास्त्री ने कथा के छठे दिन श्रोताओं को भक्ति और प्रेम के संदेश से सराबोर कर दिया। भागवताचार्य शास्त्री ने कहा कि भगवान की कथा को हृदय में उतारने मात्र से प्राणी भवसागर पार कर लेता है। उन्होंने बताया कि भागवत के महारास में वर्णित पंच गीत ही भागवत के पंच प्राण हैं। जो व्यक्ति उन्हें श्रद्धा भाव से सुनता और हृदय में धारण करता है, वह सहज ही भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त कर लेता है। कथा के दौरान उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा प्रस्थान, कंस वध, उद्धव-गोपी संवाद, द्वारका स्थाप...
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