नई दिल्ली, दिसम्बर 1 -- नई दिल्ली, प्र. सं.। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) ने गीता जयंती के मौके पर 'भगवद्गीता: आत्म-प्रबंधन के लिए शास्त्रीय यौगिक ज्ञान' विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में देश के प्रख्यात विद्वान, योगाचार्य एवं शिक्षाविदों ने भगवद्गीता की शाश्वत प्रासंगिकता एवं समकालीन जीवन में उसके व्यावहारिक उपयोग पर गहन विचार-विमर्श किया। मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने कहा कि गीता योग का मूल आधार है, जो अभ्यास-वैराग्य से चैतन्य की अवस्था तक ले जाता है। संस्थान निदेशक प्रो. काशीनाथ समगंडी ने कर्म-केंद्रित जीवन और परिवर्तन की स्वीकार्यता पर बल दिया।

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