सीतापुर, अक्टूबर 29 -- महमूदाबाद, संवाददाता। संस्कार, अनुशासन, दया, परोपकार, सहनशीलता के बिना शिक्षा व्यर्थ है। यदि नैतिक गुणों का विकास नहीं है तो हम शिक्षित चाहे जितना हो किंतु पशु के समान है। गायत्री परिवार हमें स्वावलंबी बनाने के साथ समाज में बढ़ रही कुरीतियों से सावधान करते हुये समाज को जोड़ने का काम कर रहा है। यह बातें शांतिकुंज हरिद्वार से भगवती मां की जन्म शताब्दी जयंती के अवसर पर ज्योति कलश यात्रा रथ के सीता इंटर कॉलेज पहुंचने पर डोली नायक दधिबल सिंह ने कहीं। उन्होंने मौजूद लोगों से प्रतिवर्ष अपने जन्मदिन पर पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से एक पेड़ लगाने, घर में स्वादिष्ट पकवान बनाकर गायत्री मंत्र से तिलक करने का आवाहन किया। नशा उन्मूलन, दहेज दानव के उन्मूलन को लेकर जागरूक किया। रथ यात्रा का स्वागत सीता ग्रुप आफ एजूकेशन के बच्चों द्व...