नई दिल्ली, फरवरी 16 -- प्रदीप कुमार मुखर्जी, पूर्व प्रोफेसर एवं विज्ञान लेखक भारत में कुछ ही दिनों के अंतर पर दो भगदड़ की घटनाओं ने सोचने पर विवश कर दिया है। प्रयागराज में भगदड़ की घटना और नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ से सबक लेना चाहिए। अब अपने विशाल आबादी वाले देश में आपदा प्रबंधन की तरह भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था और संहिता जरूरी हो गई है। भीड़ प्रबंधन की कमियों को दूर करने के साथ ही, लोगों को जागरूक करना चाहिए। विदेश में भी भगदड़ से लोगों की जान जाती रही है। पिछला हादसा दक्षिण कोरिया की राजधानी सिओल का है, जहां 29 अक्तूबर 2022 को हैलोविन त्योहार के मौके पर 149 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकतर किशोर और 20-30 वर्ष आयु के युवा शामिल थे। सन 2015 में मक्का के मीना भगदड़ में 2,400 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। अनियंत्रित भीड़ के कारण भगदड़ होना स्वाभाविक ह...