बक्सर, जनवरी 28 -- कथा बालक ध्रुव राज्य छोड़ वन की ओर चल पड़ते हैं कठिन तपस्या से भगवान प्रसन्न होकर वरदान देते बक्सर, निज संवाददाता। औद्योगिक थाना क्षेत्र अंतर्गत नदांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य रणधीर ओझा ने ध्रुव चरित्र, प्रह्लाद चरित्र एवं वामन अवतार का रोचक वर्णन किया। ध्रुव की कथा सुनाते हुए कहा कि बालक ध्रुव एक बार पिता की गोद में बैठने की जिद करते हैं। लेकिन, सुरुचि बैठने नहीं देती है। ध्रुव रोता हुआ मां सुनीति को सारी बात बताते हैं। मां ध्रुव को भगवान की शरण में जाने को कहती हैं। पांच वर्ष के बालक ध्रुव राज्य छोड़कर वन की ओर चल पड़ते हैं। रास्ते में नारदजी मिलते हैं और ध्रुव को समझाते हैं कि मैं तुम्हें पिता की गोद में बैठाउंगा। लेकिन, ध्रुव कहते हैं कि अब परमपिता की गोद में बैठना है। कठिन तपस्या से भगवान प्रसन...