आगरा, सितम्बर 12 -- ब्रजवासी इंद्र के कोप से भयभीत होकर कृष्ण से रक्षा की प्रार्थना करने लगे। तब भगवान कृष्ण ने गिरिराज पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया और अभिमानी इंद्र का अहंकार चूर-चूर कर दिया। उसी दिन से ब्रजवासी इंद्र की पूजा छोड़कर गिरिराज महाराज की पूजा करने लगे। यह विचार कमला नगर स्थित महाराजा अग्रसेन भवन के 35वें स्थापना दिवस पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक भूपेंद्र पंड्या ने व्यक्त किए। शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने कृष्ण की बाललीला, गोवर्धन पूजन और माखन चोरी की झांकियां देखीं। जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ रही है, भूपेंद्र पंड्या के मुख से इसे सुनने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। कथावाचक ने बताया कि कोई भी प्राणी यदि भगवान के समक्ष आ जाए तो वे उसका उद्धार कर देते हैं। भगवान ने ब्रज...