घाटशिला, नवम्बर 20 -- पोटका, संवाददाता। पोटका प्रखंड की हरिणा पंचायत के नारायणपुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथाज्ञान यज्ञ चल रहा है। कथा के पांचवें दिन कथावाचक वृंदावनधाम के आदित्य पंडित महाराज जी ने भगवान की बाल लीलाओं के चित्रण का वर्णन किया। उन्होंने श्रोताओं से कहा की लीला और क्रिया में अंतर होती है। अभिमान व सुखी रहने की इच्छा क्रिया कहलाती है, इसे नहीं तो कर्तव्य का अभिमान है और न ही सुखी रहने की इच्छा बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने यही लीला की जिससे समस्त गोकुलवासी सुखी और संपन्न थे। आदित्य जी ने कहा कि माखन चोरी करने का आशय मन की चोरी से है, कन्हैया ने भक्तों के मन की चोरी की। उन्होंने बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए उपस्थित श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। भगवान की बाल ...