मुजफ्फरपुर, अगस्त 5 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। न्यू फोरलेन पताही स्थित चल रहे महारुद्र यज्ञ सह श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार को कथा शुरू होने से पहले व्यास पीठ की पूजा की गई। अयोध्या से आईं आदि शक्ति सेवा ट्रस्ट की संस्थापिका पंडित गौरांगी गौरी ने चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि ईश्वर का जन्म सामान्य भौतिक प्रक्रियाओं से परे है, जो उनके आध्यात्मिक स्वरूप और दिव्य माया की शक्ति पर जोर देता है। ईश्वर स्वयं को बाह्य रूप से प्रकट करने से पहले शुद्ध भक्तों के हृदय में निवास करते हैं, और हमें सिखाते हैं कि आध्यात्मिक अनुभूति आंतरिक रूप से आरंभ होती है। कथा वाचिका ने कहा कि त्रेता युग में राक्षसों के अत्याचारों से धरती और देवता त्रस्त थे। राजा दशरथ जो निपुत्रिक थे, पुत्र प्राप्ति के लि...