रिषिकेष, मई 1 -- श्रीकृष्ण कुंज में चल रहे 27वां पंच दिवसीय ब्रह्मोत्सव मनाया गया। ब्रह्मोत्सव भगवान वेणुगोपाल के विवाह के साथ संपन्न हुआ। देश विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मोत्सव में शामिल होकर परिवार की सुख समृद्धि की प्रार्थना की। गुरुवार को मायाकुंड स्थित श्रीकृष्ण कुंज में चल रहे पंच दिवसीय ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन भगवान वेणुगोपाल की पूजा अर्चना के बाद उनका विवाह हुआ। आश्रम के अध्यक्ष स्वामी कृष्णाचार्य महाराज ने कहा कि ब्रह्म का अर्थ है वर्धन करना। भगवान के ब्रह्मोत्सव में शामिल होने से मनुष्य के व्यक्तित्व का वर्धन होता है। भगवान नित्य हैं पर भक्तों के प्रेम से भगवान अवतार लेते हैं और उसी अवतार काल में भगवान का विवाह होता है। उसी प्रकार अर्चा विग्रह भी भगवान का अवतार है। भक्त अपने भगवान के अर्चा विग्रह का विवाह करके अप...