लखनऊ, सितम्बर 22 -- त्रिवेणी नगर स्थित जय भोले गेस्ट हाउस में पांच दिवसीय गीता प्रवचन में सोमवार को कथा व्यास व महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद सरस्वती जी महाराज ने कर्मयोग के बारे में बताया। महाराज जी ने कहा कि जो व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के कर्म करता है और उसे भगवान को अर्पित कर देता है, वही मोक्ष के योग्य होता है। महाराज जी ने बताया कि भगवान कृष्ण कहते हैं कि कर्मों का परित्याग करने से ही कोई सुखी नहीं हो सकता, बल्कि भक्तिभाव से कर्म करने वाला व्यक्ति ही सुखी होता है। उन्होंने कहा कि मन और इन्द्रियों को वश में रखने वाला व्यक्ति ही पूर्ण रूप से सुखी रहता है और कर्म बंधन में नहीं फंसता। इस मौके पार्षद मुन्ना मिश्र, पूर्व पार्षद अनुराधा मिश्रा समेत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

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