बागपत, अक्टूबर 2 -- जिलेभर में अलग-अलग जगहों पर दशहरे के उपलक्ष में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। वर्तमान में गांव, शहर, कस्बे में काफी संख्या में लोग रामलीला को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। दशहरे पर रावण पुतला दहन खास रहता है, लेकिन खेकड़ा तहसील क्षेत्र के रावण उर्फ बड़ागांव में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले का दहन नहीं किया जाता, बल्कि दशहरे के दिन गांव के लोग तीनों भाइयों की पूजा करते हैं। यह परंपरा पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है। दहशरे पर देशभर में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन होता है। इसके उलट बड़ागांव के ग्रामीण रावण को अपना पूर्वज मानते हुए उसका पूजन करते हैं। यह अजीब तो लगेगा, लेकिन यह ऐतिहासिक सत्य है। गांव में न तो रावण के पुतले का दहन होता है और न ही रामलीला। राजस्व रिकार्ड में भी गांव का नाम रावण उर्फ बड़ागांव द...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.