लखीसराय, जुलाई 19 -- बड़हिया, दिग्विजय कुमार। हर समाज की प्रगति और समृद्धि का रास्ता उसके मार्गों से ही होकर गुजरता है। सड़कों को सिर्फ मिट्टी, मोरंग और कंक्रीट की पट्टी नहीं बल्कि विकास की धुरी और जनजीवन के रफ्तार का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि किसी भी क्षेत्र में जब कोई नई सड़क बनती है तो वह लोगों की उम्मीदों, सुविधाओं और भविष्य को बेहतर दिशा देने का कार्य करता है। बड़हिया-रामपुर सड़क भी दियारा क्षेत्रवासियों के लिए ऐसे ही सपनों का मार्ग था। जो गंगा किनारे से गुजरते हुए न सिर्फ गांवों को जोड़ती बल्कि उन्हें मुख्यधारा एवं बेहतर जीवन से भी जोड़ती। लेकिन अधूरी निर्माण प्रक्रिया और भूमि विवादों ने इस विकास पथ को असुविधा के दलदल में धकेल दिया है। सुगम आवागमन के जिस माध्यम को लोगों ने जीवन की उपयोगिता से जोड़ रखा था। आज वही रास्ता उनकी...