लखीसराय, जून 13 -- बड़हिया। ऐतिहासिक महत्व वाला बड़हिया पशु अस्पताल आज अपनी उपेक्षा की मार झेल रहा है। संसाधनों और कर्मियों की कमी, जर्जर संरचना, सीमित दवाएं और तकनीकी अभाव ने इसे एक प्रतीकात्मक संस्थान बना दिया है। आवश्यकता है कि राज्य सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि यह संस्थान फिर से अपने गौरवशाली इतिहास की पुनरावृत्ति कर सके और पशुपालकों के लिए एक मजबूत सहारा बन सके। बड़हिया प्रखंड मुख्यालय स्थित श्री रामाश्रय पशु कल्याण केंद्र, जिसे आमजन बड़हिया पशु अस्पताल के नाम से जानते हैं। जो आज बदहाली और उपेक्षा के दौर से गुजर रहा है। यह संस्थान करीब 2 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। इसका शिलान्यास वर्ष 1952 में तत्कालीन मंत्री दीप नारायण सिंह ने किया था। एक वर्ष बाद 1953 से यह अस्पताल अनवरत रूप से संचालित है। जो इस क्षेत्र में पशुपालन की समृद्ध परं...