प्रयागराज, अप्रैल 8 -- एसआरएन के ट्रामा सेंटर में शंकरगढ़ के 28 वर्षीय युवक का गंभीर स्थिति में इलाज चल रहा है। ब्लेड से अपने ही गले में वार कर जख्मी हो गया। ब्लेड की तेज धार से घाव सांस की नली तक पहुंच गया था। उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। सर्जरी विभाग के सहायक आचार्य व मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष सिंह ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपातकालीन स्थिति में ट्रेकियोस्टॉमी के माध्यम से सांस की नली को नया रास्ता देकर जान बचाई गई। ट्रेकियोस्टॉमी ट्यूब का उपयोग उन रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए किया जाता है जो स्वयं सांस लेने में असमर्थ होते हैं। सांस लेने के लिए वैकल्पिक वायुमार्ग प्रदान करने के लिए 2-3 इंच लंबी ट्यूब को विंडपाइप में एक छेद (स्टोमा) में डाला जाता है। इस जटिल उपचार को सफलतापूर्वक अंजाम देन...