नई दिल्ली, जून 19 -- शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर दयाशंकर पुलिस से बचने के लिए महिला बनकर घर में छुपा बैठा था। सिर पर साड़ी का पल्लू, हाथों में चूड़ियां, गले में मंगलसूत्र और चेहरे पर घूंघट... पर पुलिस की नजरों को आखिर कब तक धोखा दे पाता? चार महीने से फरार इस बदमाश की तलाश में जोधपुर की सदर कोतवाली थाना पुलिस की टीमें जुटी थीं, लेकिन हर बार उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता था। वजह? जब भी पुलिस दबिश देती, घर में बैठी एक 'महिला' इशारों में कह देती - "दयाशंकर घर पर नहीं है।" और पुलिस वापस लौट जाती। लेकिन पुलिस भी आखिर पुलिस है! शक बढ़ा तो मुखबिरों का जाल बिछाया गया और एक दिन पक्की सूचना मिली कि जिस 'महिला' को पुलिस अब तक घर की सदस्य मान रही थी, असल में वही दयाशंकर है। फिर क्या था! इस बार पुलिस ने बिना कोई शोर किए नजर रखनी शुरू कर दी। जैसे ही पुष्...
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