मऊ, जुलाई 3 -- घोसी। भारतीय सेना की पैरा रेजिमेंट में बतौर कमांडर ब्रिगेडियर उस्मान देशभक्ति और साहस की जीवंत मिसाल थे जो सदा के लिये अमर रहेगी। जंग के दौरान पाकिस्तान की आर्मी ने ब्रिगेडियर उस्मान को अपनी सेना में बड़ा ओहदा देने का लालच देकर बरगलाना चाहा, लेकिन भारत मां के इस वीर सपूत ने उसे नकार दिया था। 3 जुलाई की तारीख नजदीक आते ही बरबस भारत माता के इस वीर सपूत की यादें ताजा कर देती हैं जो 77 साल पहले थी। जनपद की माटी में पले बढ़े अमर शहीद ब्रिगेडियर उस्मान जिन्होंने खुद से ज्यादा अपने देश की चाहत की और देश भक्ति का जज्बा लिये देश के लिए सन् 1948 में 3 जुलाई को अपने प्राणों की आहुति देकर सदा के लिये चिरनिद्रा में लीन हो गए थे। स्थानीय तहसील मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर घोसी-मधुबन मार्ग पर स्थित एक छोटे से गांव बीबीपुर ने अमर शहीद ब्...