बगहा, अप्रैल 28 --   तिया शहर के गली मोहल्लों में कक्षा 6 से लेकर 10वीं,11वीं और 12वीं तक के हजारों छात्र-छात्राओं को निजी तौर पर ट्यूशन या कोचिंग देने वाले शिक्षक व शिक्षिकाओं को कई चुनौतियों से जूझना होता है। विषयों को पढ़ाने की योग्यता के बावजूद इनका भविष्य सुरक्षित नहीं है। ब्रांडेड कोचिंग की चुनौती, रजिस्ट्रेशन की समस्या, ऋण की कमी, रोजगार के अवसर की कमी, सुरक्षा व्यवस्था की कमी, विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रताड़ित किये जाने और जीविकोपार्जन की समस्या से शिक्षकों के सामने हर समय परेशानी खड़ी हो गयी है। इनमें से सैकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने स्नातक की डिग्री लेने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की ओर रुझान किया लेकिन सफलता नहीं मिलने पर इन्होंने छात्र-छात्राओं को पढ़ाना शुरू किया। इनका कहना है कि विभाग को लचीला रुख अपनाना चाहिए। इससे प्रति...