नई दिल्ली, अप्रैल 2 -- - ऊर्जा थिंक टैंक अंबर की ताजा रिपोर्ट में किया गया दावा - कार्बन उत्सर्जन में सालाना 2.9 करोड़ टन की कमी संभव नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। यदि देश के तीन बड़े भारी उद्योगों इस्पात, सीमेंट एवं एल्युमीनियम सौर ऊर्जा को अपनाते हैं तो इससे वे अपने कार्बन उत्सर्जन में सालाना 2.9 करोड़ टन की कमी कर सकते हैं। इन उद्योगों के समक्ष करीब 20 गीगावाट सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के अवसर हैं। इससे उनकी उत्पादन लागत भी कम हो जाएगी। ऊर्जा थिंक टैंक अंबर की ताजा रिपोर्ट में यह आकलन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस्पात क्षेत्र में सेकेंडरी स्टील प्लांट्स में इस्तेमाल होने वाली आर्क फर्नेस जैसी तकनीकों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल संभव है। जबकि अभी इसमें कोयला आधारित बिजली का इस्तेमाल होता है। इस्पात क्षेत्र में 9.4 गीगावाट सौर ऊर्जा का योगदा...