नई दिल्ली, जुलाई 11 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। मणिपुर में लगातार शांति वार्ताओं का असर अब नजर आने लगा है। पिछले दो- तीन महीनों में यहां गोलीबारी की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। हथियारों की रिकॉर्ड बरामदगी और उग्रवादियों के भूमिगत सशस्त्र नेटवर्क के कमजोर होने की वजह से संघर्ष की स्थिति कम हुई है। एक अधिकारी ने कहा कि मणिपुर लंबे समय से चली आ रही जातीय अशांति और उग्रवाद की छाया से धीरे-धीरे बाहर निकलता दिख रहा है। शांति वार्ता में सफलता मिल रही है। अवैध हथियारों की बड़ी बरामदगी और हिंसा में उल्लेखनीय कमी ने संकटग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य के लिए एक नई शुरुआत की उम्मीद जगाई है। अधिकारी ने बताया कि इंफाल से आवश्यक वस्तुएं निर्बाध रूप से पहुंचनी शुरू हो गई हैं और राज्य के सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं। पिछले तीन महीनों में भारत सरकार ने मैतई औ...