नई दिल्ली, सितम्बर 30 -- गिने चुने कमांडरों में हिडमा सबसे खतरनाक नई दिल्ली, विशेष संवाददाता नक्सली उग्रवाद के साथ भारत की दशकों पुरानी लड़ाई अपने सबसे निर्णायक दौर में पहुंच रही है। नक्सलियों की गिरफ्तारी , सरेंडर और मुठभेड़ में नक्सल कमांडरों को मौत के घाट उतारने में सुरक्षा बलों को मिल रही लगातार सफलता से नक्सल कैडर पूरी तरह कमजोर हो गया है। कभी बेहद मजबूत रहा भाकपा (माओवादी) नेतृत्व में अब शीर्ष पर लगभग एक दर्जन के करीब कमांडर बचे हैं। इनमें पोलित ब्यूरो के चार सदस्य और केंद्रीय समिति के नौ सदस्य हो सकते हैं। सुरक्षाबलों के पास छह महीने का समय नक्सली उग्रवाद के सफाए के लिए मार्च 2026 की समय-सीमा तय करने के साथ, सुरक्षा बलों के पास अब माओवादी कमान ढांचे के बचे-खुचे हिस्से को ध्वस्त करने के लिए छह महीने का समय है। सुरक्षा बलों का मानना ...
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