नई दिल्ली, सितम्बर 17 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता जीवाश्म ईंधन यानी पेट्रोल-डीजल सिर्फ जलवायु संकट की वजह नहीं हैं बल्कि ये हमारी सेहत को गर्भ से लेकर बुढ़ापे तक नुकसान पहुंचा रहे हैं। एक नए अध्ययन में यह खुलासा किया गया है। ग्लोबल क्लाइमेट एंड हेल्थ अलायंस (जीसीएचए) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट 'क्रैडल टू ग्रेव : द हेल्थ टोल आफ फॉसिल फ्यूल्स एंड द इंपरेटिव फॉर अ जस्ट ट्रांजिशन' में जीवाश्म ईंधन के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों को जाहिर किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार जीवाश्म ईधन का पूरा जीवनचक्र यानी इसकी निकासी, शुद्धिकरण, परिवहन, भंडारण, इस्तेमाल और निपटान तक हर कदम पर इंसान की सेहत पर प्रतिकूल असर डालता है। इसके दुष्प्रभावों से गर्भपात, बच्चों को अस्थमा, रक्त कैंसर यहां तक की मानसिक बीमारियों तक का सामना करना पड़ता है। ...