अमरोहा, अक्टूबर 30 -- मजदूर की मौत के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र को फर्जी बताने वाली बीमा कंपनी को क्लेम के दो लाख रुपये का भुगतान नौ प्रतिशत ब्याज की दर से करना होगा। वहीं, आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार तथा वाद व्यय के रूप में पांच हजार रुपये अलग से अदा करने होंगे। मृतक मजदूर की पत्नी ने मामले में फोरम की शरण ली थी। कस्बा जोया के मोहल्ला चौधरियान में पेशे से मजदूर आसिफ का परिवार रहता है। 18 जून 2022 को आसिफ ने 436 रुपये वार्षिक प्रीमियम का भुगतान कर अपनी पॉलिसी कराई थी। बीमा धनराशि दो लाख रुपये थी। पॉलिसी 17 जून 2023 तक मान्य थी लेकिन सात सितंबर 2022 को अचानक ही आसिफ की सीने में तेज दर्द उठने के कारण मौत हो गई। इसके बाद 20 मार्च 2023 को मृतक आसिफ की पत्नी भूरी ने बीमा कंपनी में क्लेम के प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन 24 मई 202...