सिद्धार्थ, मार्च 16 -- इटवा, हिन्दुस्तान संवाद। खुनियांव क्षेत्र के पचमोहनी गांव में रविवार को भारतीय बौद्ध महासभा की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मृत्युभोज न करने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षु चन्द्रमणि ने उपस्थित लोगों को त्रिशरण और पंचशील ग्रहण कराया। लोगों ने मृतक हनुमान प्रसाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। महासभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष केदारनाथ आजाद ने कहा कि संगठन समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने का प्रयास कर रहा है। मृत्युभोज एक सामाजिक कुरीति है जिसे जल्द समाप्त करना जरूरी है। सतेन्द्र पाल यादव ने बताया कि वे स्वयं भी अपने पिता और बहनोई की मृत्यु पर मृत्युभोज नहीं किए। जिलाध्यक्ष राममिलन गौतम ने संविधान में मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस कर्मकां...