मैनपुरी, अगस्त 4 -- ग्राम जसराजपुर के वाईबीएस सेंटर में चल रहे महाबोधि मुक्ति आंदोलन धरना प्रदर्शन में आगरा से आए वरिष्ठ उपासक अंबेडकरवादी महेंद्र सिंह पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार को इस काम में देरी नहीं करनी चाहिए। बौद्धों का हक है, उनके लिए यह पवित्र मंदिर है। इसे बौद्धों को सौंप दिया जाना चाहिए ताकि बौद्ध भिक्षु अपनी परंपरा के अनुसार संचालन कर सके। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में महाबोधि महाविहार 1949 में बने बीटी एक्ट के कानून के आधार पर चल रहा है। जिस एक्ट के अंतर्गत टोटल नौ सदस्य हैं। नौ में से चार बौद्ध और पांच हिंदू सदस्य होते हैं। हिंदू सदस्यों में तत्कालीन हिंदू जिलाधिकारी गया को शामिल किया जाता है। यह कानून नितांत ही असंवैधानिक है। जब बौद्धों का बिहार है तो प्रब...