फर्रुखाबाद कन्नौज, फरवरी 20 -- नर्स वंदना ने कहा कि स्टाफ की इतनी ज्यादा कमी है कि तय समय से ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ती है। यदि रात में ड्यूटी लग गई तो सुरक्षा की चिंता सताती है। क्योंकि सुरक्षाकर्मियों की भी भारी कमी है। किसी गंभीर रोगी के भर्ती होने पर देर तक उन्हें रहना पड़ता है। सबसे अधिक खराब हालात संविदा नर्सों के हैं जिन्हें मामूली पगार मिलती है जबकि उन्हें नियमित कर्मचारियों की भांति ही ड्यूटी देनी पड़ती है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से नर्सों ने सिस्टम की कमी को जिम्मेदार ठहराया। कहने लगीं कि जो हालात हैं उससे आने वाले समय में एएनएम की नौकरी करने से नर्सें दूर हो जाएंगी। क्योंकि जिस तरह से प्राइवेट अथवा सरकारी सेक्टर में नर्सों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है वह कहीं पर उचित नहीं है। एक तो नर्सों को मरीजों के संपर्क में रहने से हमेश...