नई दिल्ली, अप्रैल 17 -- संवाद कार्यक्रम में जूडो और कराटे सीख रहे खिलाड़ियों ने कहा कि खेल के मैदान पर पारदर्शिता बरते जाने की जरूरत है। तभी मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को उनका मुकाम मिल पाएगा। लगातार बढ़ते अपराधों को देखते हुए आजकल अभिभावक अपने बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास शुरू कर देते है। जूडों कराटे के जरिए अभिभावक अपने बेटे और बेटियों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। जिससे कि विषम परिस्थिति में वो अपने हुनर के जरिए असमाजिक तत्वों का सामना करके उन्हें धूल चटा सके। जूडो और कराटे के खेल में भविष्य बनाने के लिए प्रेक्टिस करते हैं। अन्य खेलों से भी हजारों की संख्या में खिलाड़ी जुड़े हुए हैं। इनमें से कुछ खिलाड़ी तो संपन्न हैं लेकिन कई हुनरमंद खिलाड़ी ऐसे भी हैं। जो सुविधाओं का अभाव झेल कर भी अपने खेल प्रतिभा को लगातार तराश रहे हैं। आर...