हरिद्वार, अप्रैल 17 -- टिहरी बांध परियोबोलेजना के अंतर्गत वर्ष 1982 में टिहरी से विस्थापित किए गए करीब 440 परिवारों को पथरी क्षेत्र में बसाया गया है। विकास के लिए लोगों ने अपनी पुश्तैनी जमीन और घर मकान छोड़ दिए। सरकार ने तब इन्हें पुनर्वास और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। अब 43 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भी ये परिवार भूमिधरी के अधिकार से वंचित हैं। पथरी क्षेत्र से सचिन कुमार की रिपोर्ट... आरोप है कि भूमिधरी का अधिकारी न मिलने से इन परिवारों के करीब चार हजार लोगों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए उन्होंने कई बार धरने प्रदर्शन और ज्ञापन दिए। राजधानी देहरादून में भी जाकर आंदोलन भी किया लेकिन प्रशासन इन परिवारों को भूमिधरी का अधिकारी नहीं दे रहा है। उत्तराखंड राज्य गठन से पहले साल 1982 में ...
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