हरदोई, फरवरी 18 -- हरदोई। हम मरीजों का जी-जान से इलाज करते हैं। उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं पर हम ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो मरीजों का क्या होगा। दिन रात मेहनत कर दूसरों का दर्द दूर करने वाले 'धरती के भगवान ही दुखी हैं। ये डॉक्टर होने वाली अनहोनी को लेकर आशंकित हैं। अस्पतालों में तीमारदारों की बदसलूकी तो आएदिन धमकाने, झड़प होने की घटनाएं इनके लिए आम हैं। इनका कहना है कि सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने तक उन्हें स्थानीय स्तर पर सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए। दूसरों की दिक्कतें दूर करने वाले डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर दहशतजदा हैं। जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी को छोड़ दिया जाए तो मरीजों को आपातकालीन सेवा मिलना मुश्किल हो जाता है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े वरिष्ठ डॉ. आरपी गुप्ता ने ब...