हरदोई, फरवरी 18 -- हरदोई। सवारियों का प्रमुख साधन बने हैं ई-रिक्शा। उन्हें समय पर गंतव्य तक छोड़ते हैं। सर्दी हो या गर्मी रोजी-रोटी की तलाश में तड़के से ही सवारियां खोजने लगते हैं पर हमारा ध्यान नहीं दिया जाता। ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि दिनभर में जो कमाते हैं वह पुलिस और परिवहन विभाग के काटे गए चालान भरने में चला जाता है। उनके हिस्से पुलिस और होमगार्ड के जवानों की लताड़ ही आती है। हमारी राह में भी कई रोड़े हैं। मेहनत करके हम किसी तरह परिवार का भरण पोषण करते हैं पर हमारा भी बेेवजह उत्पीड़न किया जा रहा है। कभी ई-रिक्शा का बेवजह चालान काट देते हैं तो कभी जाम का ठीकरा हमारे सिर ही फोड़ दिया जाता है। पूरे दिन में जितना कमाते हैं उसमें से अधिकतर चालान भरने में ही चला जाता है। ऐसे में अपने परिवार का पेट कैसे पालें। यह दर्द ई-रिक्शा चालकों ने बयां ...
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