हरदोई, फरवरी 18 -- हरदोई। एक समय था जब हर बुनकर के हाथ काम था। जिंदगी पटरी पर दौड़ रही थी। समय बीतता गया और यही बुनकर आज काम की तलाश में भटक रहे हैं। इसका प्रमुख कारण सुविधाएं खत्म होना है। सांडी, हरदोई और शाहाबाद में तो पूरी तरह काम बंद हो चुका है। गौसगंज, संडीला और काजीटोला में दो हजार परिवार किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं। बदहाली के बड़े कारण बिजली बिल में छूट और स्टार्टअप के लिए लोन न मिलना है। सबसे अहम बात है कि शहर में बुनकरों का माल सीधे खरीदने के लिए बाजार तक नहीं है। माल बेचना है तो बड़े शहर जाना पड़ता है। परंपरागत तरीके से चलने वालेे कारोबार समय को देखते हुए बदल गए पर बुनकरों का व्यापार आज भी उसी ढर्रे पर है। यही वजह है कि बदहाली के कगार पर पहुंच गए। हम बात कर रहे हैं हरदोई के बुनकर बाजार की। 115 साल पुराना कारोबार सिमट चुका है। सिर्...