हजारीबाग, दिसम्बर 9 -- हजारीबाग का वार्ड-9, जिसे जिले का प्रमुख शैक्षणिक केंद्र और 'झारखंड का कोटा' कहा जाता है, आज बुनियादी सुविधाओं की भारी किल्लत से जूझ रहा है। बाहर से आए हजारों छात्र यहां कोचिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ठहरते हैं, लेकिन सफाई व्यवस्था, डस्टबिन की कमी, जाम नालियां, फॉगिंग का अभाव और अनियमित बिजली जैसी समस्याएं उनके जीवन को प्रभावित कर रही हैं। हिन्दुस्तान के बोले हजारीबाग कार्यक्रम में लोगों ने कहा कि शिक्षा की राजधानी कहे जाने वाले इस वार्ड में काम करने की जरूरत है। हजारीबाग। वार्ड 9 की स्थिति हजारीबाग में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वार्ड 9 में ज्यादातर ऐसे आवासीय क्षेत्र हैं, जहां हजारीबाग के बाहर से बच्चे पढ़ाई करने या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आकर रहते हैं। देखा जाए तो वार्ड 9 ने हज...