हजारीबाग, जून 30 -- हजारीबाग । करीब 11 साल का समय गुजर चुका है, लेकिन आज भी हजारीबाग के लोगों को पूर्ण रूप में बाइपास नहीं मिला है। लोग खराब सड़क और निर्माणधीन कंपनी की लापरवाही के कारण आए दिन दुर्घटना का शिकार होकर मौत के मुंह में समा रहे हैं। इतनी मौत के बाद भी एनएचअआई के अधिकारियों और जिला प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंग रहा। इससे लोागें में आक्रोश है। हाइकोर्ट में संवेदन ने समय सीमा के विस्तार की मांग की थी। कोर्ट ने देरी के कारण डांटते हुए एक काम को अगले समय (बढ़े हुए समय) के अंदर पूर्ण करने की हिदायत दी था। लेकिन न तो आज तक इस बाइपास का काम पूरा हो पाया न मौत की संख्या में कमी आई। शायद ही कोई महीना ऐसा गुजरता हो जिसमें इस बाइपास में एनएचअआई के लापरवाही के कारण लोग नहीं मरते हों। आसपास के लोग तो अब ठीक से संख्या तक भूल चुके है। कोई क...