हजारीबाग, जून 29 -- हजारीबाग में कभी बसने का मतलब था-स्वच्छता, शीतलता, शांति और शिक्षा से जुड़ना। ये चार 'श इस शहर की पहचान थे, लेकिन वक्त ने इनमें से तीन को धीरे-धीरे धुंधला कर दिया है। खासकर सरहुल नगर (टेकलाल महतो कॉलोनी) जैसी बस्तियां आज बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही हैं। एनएच-522 से महज डेढ़ किमी दूर यह इलाका जैसे ही पक्की सड़क से अलग होता है, लोगों को कीचड़ और गड्ढों से जूझना पड़ता है। बरसात में हालत और बदतर हो जाती है। 'बोले हजारीबाग कार्यक्रम के दौरान यहां के लोगों ने दर्द बयां किया। हजारीबाग । सरहुल नगर की कच्ची गली बरसात में आफत बन गयी है। इस मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। रोज इस कच्ची सड़क में स्कूल जाने वाले बच्चे ऑफिस जाने वाले कीचड़ में फंसकर गिर जाते हैं या चक्का जाम होने के कारण किसी को धक्का मार बैठे हैं। इस कारण ब...