हजारीबाग, मई 24 -- चौपारण मुख्यालय से महज 10 किमी दूर मुस्लिम बहुल गांव चैय, जो कभी सिर्फ बाबा दुलाशाह दरगाह के लिए जाना जाता था। आज अपने अदम्य गोताखोरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है। ये वो बहादुर हैं जो गहरी नदियों और खतरनाक जलप्रपातों से शवों को निकालने और डूबते लोगों की जान बचाने का काम करते हैं। बावजूद इसके इन गोताखोरों को सरकार की ओर से कोई मदद नहीं दी जाती है। चैय गांव के गोताखोरों ने बोले हजारीबाग की टीम से अपनी समस्याएं साझा की। हजारीबाग। वर्ष 2018 में इटखोरी मुहाने नदी में आई अचानक बाढ़ में जब चार श्रद्धालु डूब गए और 48 घंटे से अधिक समय तक एनडीआरएफ की टीम को निराशा हाथ लगी। तब चैय के गोताखोरों को बुलाया गया। चमत्कारिक रूप से उन्होंने महज चार से पांच घंटे के भीतर चारों शवों को खोज निकाला। इस उपलब्धि के लिए तत्कालीन एस...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.