हजारीबाग, मई 28 -- इचाक । इचाक क्षेत्र रामगढ़ राजाओं की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध रहा है। यही कारण है कि परासी, कुटुम व सुकरी जैसे इलाकों में तालाब, मंदिर और बाग-बगीचों की भरमार है, जो इस क्षेत्र की सुंदरता को चार चांद लगाते हैं। मंदिरों की अधिकता के कारण इस क्षेत्र को मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है। यहां के मंदिर, तालाब और बाग-बगीचे ऐतिहासिक धरोहरों के रूप में जाने जाते हैं। लेकिन हाल के दिनों में इन धरोहरों की समुचित देखभाल एवं रखरखाव नहीं होने से इनकी स्थिति जर्जर होती जा रही है। इन धरोहरों को नुकसान पहुंचाने में माफिया और कुछ अन्य लोग भी जिम्मेदार हैं। सिंह दरवाजा, बाबा बंशीधर मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, लक्ष्मी नारायण बड़ा अखाड़ा मंदिर, श्रीराम जानकी छोटा अखाड़ा मंदिर, बुढ़िया माता मंदिर, मां चंपेश्वरी मंदिर सहित कई ऐसे मंदिर हैं जो राजा...