हजारीबाग, अप्रैल 1 -- हजारीबाग। संत कोलंबा कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के रूम में जाना जाता है। आज भी बहुत से विषय में यहां मास्टर की पढाई होती है। जिनमें कला और विज्ञान दोनों के विषय शामिल है। जब यहाँ इंटर,डिग्री और पीजी तीनों के छात्र हॉस्टल में रहते थे तो बहुत चहल पहल रहती थी। सब व्यवस्था सही थी। ज्यादा बच्चों के कारण कॉलेज प्रशासन पर दवाब रहता था। अब केवल हर चींज खिंच रहा है। कोई शिकायत करने पर कुछ नही होता है। कोई भी चीज सुधार करने के लिए लड़का लोग को आपस में चंदा करना पड़ता है। इतना बडा़ और पुराना कॉलेज है। पर शाम में लाइट कटने पर न तो सोलर प्लेट से रौशनी का प्रबंध है न किसी तरह के जेनरेटर की सुविधा है। हॉस्टल से बीएड भवन को सोलर से प्लेट से कनेशन गया है पर इधर नहीं मिला। शाम के बाद तो कॉलेज बंद हो जाता है। कोई देखने वाला नहीं होता है।...