हजारीबाग, मई 1 -- हजारीबाग। जिले की अर्थव्यवस्था का असली आधार वे श्रमिक हैं, जो हर सुबह कोर्रा चौक, कल्लू चौक और पंचमंदिर चौक पर काम की तलाश में जुटते हैं। ये असंगठित और अकुशल श्रमिक हजारीबाग की अनदेखी रीढ़ हैं, जिनके बिना निर्माण, खेती और अन्य सेवाएं ठप पड़ जाएं। इनको किसी तरह की योजना का लाभ सही से नहीं मिलता है। श्रमिकों ने हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित कार्यक्रम बोले हजारीबाग के माध्यम से अपनी पीड़ा रखते हुए लेबर कार्ड बनवाने और रोजगार भी दिलवाने की गुहार स्थानीय शासन-प्रशासन से लगायी है। एक उम्मीद की पोटली बांध कर मजदूर सुबह निकलते है कि रोजी मिलेगी तो एक दिन सुकून की दो रोटी खा सकेगा। जिसके लिए वह हर दिन कुआं खोदता है। जीवन की भागदौड़ के बीच खुद को पीछे छुटता देखता है। वादों और आश्वासन की लंबी डोर में ख़ुद को फंसा पाता है। हजारीबाग भी इ...