हजारीबाग, अप्रैल 21 -- हजारीबाग। नौ नवंबर 1942। जब अचानक जेल की पगली घंटी बज उठी थी। सहसा लोगों को विश्वास भी नहीं होता है कि 17 फुट की दीवार को कैसे सामान्य कद काठी के पांच लोग रात के अंधेरे में फांद कर फरार हो गए थे। हजारीबाग जेल में कई ऐसे रोचक किस्से दबे हैं। आपके मन में भी इसे जरूर जानने और समझने की उत्कंठा हुई होगी। इसलिए बोले हज़ारीबाग की टीम ने एक अछूते प्रसंग हजारीबाग में जेल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय पर्यटनप्रेमियों से बातचीत की। सभी ने एक स्वर में जेल पर्यटन की मांग उठाई है। हजारीबाग का सेंट्रल जेल जो अब जेपी केंद्रीय कारा के नाम से जाना जाता है। यहां भी जेल पर्यटन आरंभ करने के लिए एक उपयुक्त स्थान है। यह सेल्युलर जेल से भी पुराना है। यह भारत के सबसे पुराने जेलों में से एक है। यह 1855-57 के संथाल विद्रोह या आजादी के प्...