हजारीबाग, अप्रैल 18 -- हजारीबाग। जिले का चौपारण इलाका इन दिनों अफीम की खेती और नशे के अवैध कारोबार के कारण सुर्खियों में है। एक ओर पुलिस और नारकोटिक्स विभाग लगातार छापेमारी कर नशे की खेती को नष्ट करने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर यह जहर धीरे-धीरे पूरे समाज को खोखला कर रहा है। वन विभाग भी नशे की खेती के उन्मूलन के अभियान में सहयोग कर रहा है, लेकिन अफसोसजनक यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद नशे की खेती पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है। सूत्रों के अनुसार, चौपारण, टाटीझरिया, बड़कगांव से लेकर कटकमसांडी और हजारीबाग के आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है। यह खेती पहले जंगलों के भीतर होती थी, लेकिन अब यह खुले में, खेतों और बारी में की जाने लगी है। इसका सीधा असर युवाओं पर पड़ रहा है, जो या तो इसके सेवन के शिकार हो रहे ...