सीवान, मई 31 -- महाराजगंज स्टेशन सैकड़ों वर्ष पुराना है। यह यह स्टेशन अंग्रेजों के जमाने मे प्रमुख व्यपारिक केंद्र हुआ करता था। इतने दिनों में इस इस स्टेशन ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं स्टेशन का पूर्ण रूप से बंद हो जाना फिर महाराजगंज से दरौंदा तक रेल बस का परिचालन शुरू होना बाद में महाराजगंज मशरख रेल लाइन बन जाने के बाद छपरा कचहरी से महाराजगंज होकर थावे कप्तानगंज तक ट्रेन का परीक्षा परिचालन शुरू होना शामिल है। इस स्टेशन का विकास यूं कहे तो कछुए की चाल से हो रहा है। आज भी स्टेशन पर रेलयात्रियों के लिए सुविधाओं का घोर अभाव है। इस स्टेशन से होकर चार जोड़ी यात्री ट्रेनों का परिचालन कराया जाता है। सैकड़ों यात्री इस स्टेशन से यात्रा शुरू करने के लिए पहुंचते हैं। इससे रेलवे को राजस्व के रूप में कमाई भी होती है। लेकिन इसका लाभ किसी भी रूप में यात्रियो...