सीवान, अप्रैल 14 -- सीवान जिला कभी गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में पूरे बिहार में अपना स्थान रखता था। खास करके जिले के दक्षिणाखंड दरौली से लेकर सिसवन तक 75 किलोमीटर के दायरे में नदी के तटीय इलाके गन्ना के उत्पादन में जिले में अव्वल हुआ करता था। जिले की चंवरी अथवा दहतर इलाके जहां एक ही फसल का उत्पादन होता था। वहां भी बड़े पैमाने पर गन्ना की खेती होती थी। यही कारण है कि अजादी के पूर्व ही जिले में तीन चीनी मिलों की स्थापना की गई। लेकिन धीरे-धीरे किसान गन्ना की खेती से अपना मुंह मोड़ने लगे क्योंकि उनके सामने कोई समस्याएं आने लगी। सीवान में गन्ना किसानों की मुख्य समस्याओं में चीनी मिलों का बंद होना है। चीनी मिलों के बंद होने से गन्ने की उचित कीमत नहीं मिलता। अगर उत्पादन करे तो दूसरी जगह भेजने में परिवहन की समस्या आती है। बैंक या सहकारी समितियों से...
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