सीवान, मार्च 19 -- समाज का प्रमुख हिस्सा होने के बावजूद जिले में पुरोहितों की स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है। अधिकतर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। निजी स्कूलों में इनके बच्चों को आरटीई का लाभ नहीं मिलता है। सरकारी नौकरी में गरीब पुरोहितों के बच्चों को फीस में माफी नहीं मिलती है। मठ-मंदिरों में पुरोहितों को वेतन तो मिलता नहीं है। भगवान को प्रतिदिन भोग लगाने और आरती के लिए कोई राशि की व्यवस्था भी नहीं है। इसका भार पुजारियों और पुरोहितों पर अतिरिक्त ही पड़ता है। अब शादी-विवाह में लोग दूर-दराज के पुरोहितों को बुलाने लगे हैं। उनका ऑनलाइन बुकिंग करा ले रहे हैं। इससे स्थानीय पुरोहितों और पुजारियों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। पुरोहितों को जो कुछ भी आय शादी-विवाह व अन्य मांगलिक आयोजनों से होती थी, वह भी खत्म होती जा रही है। जहां शादी-वि...