सीतापुर, अगस्त 5 -- 33 कोटि देवी-देवताओं की वास स्थली, 88 हजार ऋषियों-मुनियों एवं मनु-सतरूपा की तपस्थली और वेदों व पुराणों की रचना की स्थली नैमिषारण्य तीर्थ है। इस तीर्थ स्थल को लेकर लोक सभा व विधान सभा के चुनावों में पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के वादे भी किए जाते हैं लेकिन चुनाव निपटते ही वह वादे भी हवा में उड़ जाते हैं। इस शक्तिपीठ को पर्यटन के मानचित्र पर अपनी जगह बनाने के लिए अभी प्रतीक्षा करनी होगी। इस तीर्थ नगरी में रहने वाले और आने वाले श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें सबसे बड़ी समस्या वाहन पार्किंग की है। इसके अलावा यहां तक आने के लिए आवागमन का कोई खास साधन नहीं है। जिसके कारण तीर्थयात्रियों की संख्या भी नहीं बढ़ रही है। तीर्थ नगरी नैमिषारण्य में हर माह की अमावस्या पर आस्था का सैलाब उमड़ता है। यहां के पौरा...