सीतापुर, जुलाई 26 -- सरकारी स्कूलों के कायाकल्प और बेहतर शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन सीतापुर जिले की जमीनी हकीकत इन दावों से कोसों दूर है। मौजूदा स्थिति पर नज़र डालें तो जिले के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से आने वाले नौनिहालों को मूलभूत संसाधनों के अभाव में पढ़ाई-लिखाई में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 3300 परिषदीय स्कूलों वाले इस जिले में आज भी कई स्कूल ऐसे हैं जो सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी बाउंड्रीवॉल, पेयजल और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने इन बदहाल स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे नौनिहालों के अभिभावकों के साथ चर्चा की तो हकीकत सामने आई। सरकारी प्रयासों के बावजूद, तमाम स्कूलों में बाउंड्रीवॉल, पेयजल और बिजली जैसी आवश्यक सुविध...
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