सीतापुर, जुलाई 19 -- शारदा, घाघरा, चौका, केवानी, गोबरहिया आदि नदियां में हर साल आने वाली बाढ़ और कटान पूरे गांजर क्षेत्र के लिए अभिशाप है। घाघरा की कटान ने इस क्षेत्र के कई गांवों को जिले के मानचित्र से ही गायब कर दिया है। वहीं कई ग्रामीणों का खेत से लेकर घर तक नदियों की कटान में समा गए। हालत यह है कि राजस्व अभिलेखों में जिन किसानों के पास पच्चीस-तीस बीघा जमीन है मगर अधिकांश कटान के कारण नदी का हिस्सा बन चुकी हैं। हालत यह है कि कटान पीड़ित दर्जनों परिवार सड़कों के किनारे खानाबदोश जैसी जिंदगी गुजारने को विवश हैं। आपके अपने हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने ग्रामीणों से समस्याएं पूछीं तो उनका दर्द छलक पड़ा। मानसून आते ही जिले के गांजरी इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों के दिलों की धड़कने तेज हो चली हैं। बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद जिले में बहने...
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